दो दुखों का एक सुख वाक्य
उच्चारण: [ do dukhon kaa ek sukh ]
उदाहरण वाक्य
- दो दुखों का एक सुख / शैलेश मटियानी
- कहानी संग्रहः मेरी तैंतीस कहानियां; दो दुखों का एक सुख ; नाच जमूरे नाच;
- दो दुखों का एक सुख ' मैले-कुचैले भिखाड़ियों की जीवन की विलक्षण कथा है.
- ' दो दुखों का एक सुख ' मैले-कुचैले भिखाड़ियों की जीवन की विलक्षण कथा है।
- इन कहानियों के अतिरिक्त शैलेश ने वृत्ति, प्यास, इब्बू मलंग, दो दुखों का एक सुख जैसी कहानियाँ भी लिखी हैं जिनमें दलित चरित्र अपने प्रकृत रूप में दीखते हैं।
- उनकी शुरू की कहानियों की कई लोगों, शिवप्रसाद सिंह आदि ने नकल की. ' दो दुखों का एक सुख ' यह भिखमंगों पर है, खाना नहीं मिलता है, उन्हीं के बीच प्रेम हो जाता है दो दुख मिलकर किस तरह से एक सुख में बदल जाते हैं.
- मटियानी जी की कालजयी कहानियां में ' डब्बू मलंग ', ' रहमतुल्ला ', ' पोस्टमैन ', ' प्यास और पत्थर ', ' दो दुखों का एक सुख ', ' चील ', ' अर्द्धांगिनी ', ' जुलूस ', ' महाभोज ', ' भविष्य ', और ' मिट्टी ' आदि प्रमुख हैं।
- दो दुखों का एक सुख ' (1966), ‘ नाच जमूरे नाच ', ‘ हारा हुआ ', ‘ जंगल में मंगल ' (1975), ‘ महाभोज ' (1975), ‘ चील ' (1976), ‘ प्यास और पत्थर ' (1982), एवं ‘ बर्फ की चट्टानें ' (1990) उनके महत्वपूर्ण कहानी संग्रह हैं.
- मटियानी जी की कालजयी कहानियां में ‘ डब्बू मलंग ', ‘ रहमतुल्ला ', ‘ पोस्टमैन ', ‘ प्यास और पत्थर ', ‘ दो दुखों का एक सुख ', ‘ चील ', ‘ अर्द्धांगिनी ', ‘ जुलूस ', ‘ महाभोज ', ‘ भविष्य ', और ‘ मिट्टी ' आदि प्रमुख हैं. ‘ डब्बू मलंग ' एक दीन-हीन व्यक्ति की कथा है जिसे कुछ गुंडे पीर घोषित कर लोगों को ठगते हैं.
- ‘ छाक ', ‘ मैमूद ', ‘ दो दुखों का एक सुख ', ‘ शरण्य की ओर ', ‘ अहिंसा ', ‘ पोस्टमैन ', ‘ हलाल ', ‘ वृत्ति ', ‘ मिट्टी ', ‘ अर्धांगिनी ', ‘ माता ', ‘ गोपुली गफूरन ', ‘ सावित्री ', ‘ इब्बू मलंग ', ‘ प्यास ' और ‘ प्रेत-मुक्ति ' आदि कहानियाँ आम जीवन के दैनिक नरक की कहानियाँ हैं।
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